पाकिस्तान के ड्रामों से परेशान PAK एक्टर, बोले- ये सास को चुड़ैल बाप को विलेन दिखा रहे

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पाकिस्तानी टीवी सीरियल्स को उनके फैमिली ड्रामा के लिए ऑडियंस काफी पसंद करती है. इन शोज में ड्रामा इतना पसंद किया जाता है कि भारत में भी वहां के कई शोज जमकर पॉपुलर हुए हैं. 'हमसफर', 'जिंदगी गुलजार है' और 'सदके तुम्हारे' जैसे शो को सिर्फ पाकिस्तान में ही नहीं, बल्कि सरहद के इस पार भारत में भी जनता ने खूब देखा है.

फैमिली ड्रामा और रिश्तों के ड्रामा को कहानी में बड़ा हिस्सा बनाकर लाने वाले पाकिस्तानी सीरियल भले बहुत पॉपुलर हुए हों, मगर वहां के सीनियर यएक्टर नौमान अजीज इनसे काफी खफा हैं. 'परीजाद', 'दोबारा' और 'कैसी तेरी खुदगर्जी' जैसे शोज कर चुके नौमान का मानना है कि पाकिस्तानी ड्रामा में रिश्तों को बदनाम किया जा रहा है, जिसका असर समाज पर बहुत बुरा होता है.

'महिलाओं को चुड़ैल और पुरुषों को विलेन दिखाते हैं'
यूट्यूब शोपर आए नौमान ने पाकिस्तानी ड्रामा शोज की जमकर आलोचना की. उन्होंने शिकायत करते हुए कहा, 'आप मां, बहनों और सास को चुड़ैल दिखाते हैं, और आप बाप-भाई को विलेन दिखाते हैं. नौमान ने कहा कि इन शोज में हर रिलेशनशिप को नेगेटिव या बुरा दिखाया जाता है. उन्होंने ये भी कहा कि समाज पर इसका बहुत गलत असर पड़ता है और इसे बदला जाना चाहिए.

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नौमान ने आगे कहा, 'जब आप कुछ देखते हैं, आप पर इसका असर होता है, भले आप चाहें या न चाहें. इस बात को समझा जाना चाहिए, लेकिन लोग समझ नहीं रहे. जो सबसे नेगेटिव होता है, लोग उसे सुपरहिट बना देते हैं. एक सीरियल था जिसमें ननद के रिश्ते को हाईलाइट किया गया था. लोगों ने उसकी रेटिंग आसमान पर पहुंचा दी, मैं शॉक रह गया. मुझे हंसी आई और मैंने कहा कि हमारी सोसाइटी में नेगेटिविटी का बोलबाला है. सोसाइटी नेगेगिव हो गई है. इसे बदलने की जरूरत है.'

'करप्ट हो चुका है हमारा पूरा सिस्टम'
अपना खुद का उदाहरण देते हुए नौमान ने कहा कि वो ऐसे शोज का ही हिस्सा बनना चाहते हैं जिसमें कुछ सबक हो या कुछ पॉजिटिव हो. उन्होंने कहा, 'अगर मुझे ऐसा नहीं दिखता तो मैं प्रोजेक्ट नहीं करता. मैं गैरजरूरी डायलॉग नहीं बोलता, मेरा एक सेल्फ-सेंसर है. बहुत सारे राइटर ऐसी चीजें लिखते हैं जो बेमतलब लगती हैं, इससे आपको परिवार के साथ उन्हें देखने में अनकम्फर्टेबल फील होगा.'

शोज की इन बातों पर गुस्सा जताते हुए नौमान ने आगे कहा, 'माफ कीजिए, लेकिन ये समझना जरूरी है कि नेशनल टेलीविज़न क्या है. ये इज्जत की कुछ हदों के साथ आता है. हमारा पूरा सिस्टम करप्ट हो चुका है. इसे ठीक करने के लिए कितनी पीढ़ियां बर्बाद करनी पड़ेंगी?' ड्रामा शोज पर भड़कते हुए उन्होंने कहा कि 'पाकिस्तान में कोई कल्चर ही नहीं है.' नौमान ने कहा कि लोग अपने चारों तरफ इतनी नेगेटिविटी देख रहे हैं कि उन्हें लगता है 'अगर सब नेगेटिव हैं, तो हम भी नेगेटिव हो जाते हैं.'

नौमान ने लोगों से अपील की कि वो इस बात को समझें. उन्होंने अपनी बात खत्म करते हुए कहा, 'हमारे लोगों को समझना पड़ेगा, हमारे यूथ को समझना होगा. बूढों को जाने दीजिए, वो किसी काम के नहीं हैं... उन्होंने सोशल फाइबर बर्बाद कर दिया है.'

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मनोज शर्मा

मनोज शर्मा (जन्म 1968) स्वर्णिम भारत के संस्थापक-प्रकाशक , प्रधान संपादक और मेन्टम सॉफ्टवेयर प्राइवेट लिमिटेड के मुख्य कार्यकारी अधिकारी हैं।

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